परिचय
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री जन औषधि योजना। इसका उद्देश्य सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत पूरे देश में जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) खोले जा रहे हैं। इसके जरिए न केवल आम नागरिकों को राहत मिल रही है, बल्कि उद्यमियों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। इस पोस्ट में हम योजना के महत्व, इसके लाभ और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की प्रक्रिया और आवश्यक योग्यता पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना क्या है?
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का उद्देश्य आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना है। जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में काफी किफायती होती हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता और असर में कोई कमी नहीं होती।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- सस्ती दवाइयों की उपलब्धता बढ़ाना।
- ब्रांडेड और जेनेरिक दवाइयों के बीच की कीमत का अंतर कम करना।
- ग्रामीण और शहरी गरीबों तक दवाइयां पहुंचाना।
- फार्मा उद्योग को प्रोत्साहन देना और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाना।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने का तरीका
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने एक आसान और पारदर्शी प्रक्रिया बनाई है। इच्छुक व्यक्ति या संगठन इस प्रक्रिया का पालन करके केंद्र खोल सकते हैं।
कौन खोल सकता है जन औषधि केंद्र?
- व्यक्तिगत आवेदक:
- किसी भी व्यक्ति को केंद्र खोलने के लिए आवेदन करने की अनुमति है।
- आवेदक को फार्मासिस्ट होना चाहिए या उसे एक पंजीकृत फार्मासिस्ट नियुक्त करना होगा।
- संगठन और संस्थाएं:
- सरकारी अस्पताल, NGO, ट्रस्ट, समाजसेवी संगठन, या सहकारी समितियां केंद्र खोल सकती हैं।
- राज्य सरकार के तहत काम करने वाली एजेंसियां भी आवेदन कर सकती हैं।
- मेडिकल पेशेवर:
- डॉक्टर, फार्मासिस्ट, या मेडिकल स्टोर संचालक आवेदन कर सकते हैं।
योग्यता और शैक्षिक आवश्यकताएं
- शैक्षिक योग्यता:
- यदि व्यक्तिगत आवेदक फार्मासिस्ट है, तो उसके पास डिप्लोमा इन फार्मेसी (D. Pharma) या बैचलर ऑफ फार्मेसी (B. Pharma) की डिग्री होनी चाहिए।
- यदि आवेदक फार्मासिस्ट नहीं है, तो उसे एक पंजीकृत फार्मासिस्ट को केंद्र में नियुक्त करना होगा।
- अनुभव:
- अनुभव की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित अनुभव को प्राथमिकता दी जाती है।
- स्थान:
- जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक को अपने स्थान की जानकारी देनी होगी।
- केंद्र सरकारी या निजी अस्पताल के पास, किसी मेडिकल कॉलेज के पास, या जनता के लिए सुलभ स्थान पर होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन फॉर्म भरें:
- PMBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें और उसे भरें।
- दस्तावेज़ जमा करें:
आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ जमा करने होंगे:- आधार कार्ड और पैन कार्ड की प्रति।
- शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र।
- पंजीकृत फार्मासिस्ट का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
- स्थान का किराया समझौता या स्वामित्व प्रमाण पत्र।
- जांच और स्वीकृति:
- आवेदन की जांच के बाद, PMBI (Pharmaceuticals & Medical Devices Bureau of India) स्वीकृति प्रदान करता है।
- माल आपूर्ति और प्रशिक्षण:
- स्वीकृति के बाद, केंद्र को दवाइयों की आपूर्ति शुरू कर दी जाती है।
- केंद्र संचालक को संचालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है।
सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता
- वित्तीय सहायता:
- सरकार केंद्र खोलने के लिए 2.5 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करती है।
- यह राशि निम्न प्रकार वितरित की जाती है:
- 1 लाख रुपये फर्नीचर और अन्य सेटअप के लिए।
- 1 लाख रुपये वर्किंग कैपिटल (दवाइयों की पहली खेप खरीदने) के लिए।
- 50,000 रुपये आईटी और अन्य उपकरणों के लिए।
- लाभांश (इन्सेंटिव):
- पहले 36 महीनों तक प्रति महीने अधिकतम 15,000 रुपये का लाभांश दिया जाता है, जो दवाइयों की बिक्री के आधार पर होता है।
- दवाइयों की आपूर्ति:
- केंद्र को सीधे PMBI से दवाइयां मिलती हैं, जिससे मुनाफा सुनिश्चित होता है।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के लाभ
- सस्ती दवाइयां:
- ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50-90% तक सस्ती जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच:
- ग्रामीण इलाकों में दवाइयों की उपलब्धता बढ़ी है।
- आर्थिक बचत:
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है।
- स्थानीय रोजगार:
- केंद्र खोलने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
चुनौतियां और समाधान
- दवाइयों की उपलब्धता:
- केंद्रों पर सभी दवाइयां हमेशा उपलब्ध नहीं होतीं।
- सरकार दवाइयों की आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बना रही है।
- जागरूकता की कमी:
- लोग अभी भी जेनेरिक दवाइयों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं रखते।
- सरकार ने जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।
- केंद्रों की कमी:
- ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पर्याप्त केंद्र नहीं हैं।
- सरकार का लक्ष्य हर ब्लॉक और पंचायत में केंद्र खोलना है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना आम नागरिकों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह योजना न केवल सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करती है। यदि आप खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और समाज की सेवा भी करना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसके जरिए आप न केवल आय अर्जित करेंगे, बल्कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में भी योगदान देंगे।
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